Inside story : दस साल के लंबे इंतजार के बाद अंततः सोमवार शाम रतलाम विकास प्राधिकरण R.D.A के अध्यक्ष की घोषणा हो ही गई। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने आरडीए की कमान पूर्व निगम अध्यक्ष अशोक पोरवाल को सौंपी। पूर्व नगर निगम का अध्यक्ष राजधानी से फाइनल हो चुका महापौर का टिकट रातों-रात कट गया था। उनकी जगह भाजपा ने महापौर प्रहलाद पटेल के नाम की घोषणा कर दी।
भाजपा ने पोरवाल को आरडीए अध्यक्ष बनाकर नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा की तैयारी को आकार देना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं हाल ही में भाजपा प्रदेश प्रभारी शिव प्रकाश और कुछ दिन पहले क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल के दौरे के बाद पोरवाल को भाजपा जिलाध्यक्ष बनाने पर सहमति बन गई थी। नियुक्ति पत्र बन चुका था, जिस पर सिर्फ नाम लिखकर घोषणा भर करना थी, लेकिन ऐन वक्त पर मामला अटक गया। इसके बाद अशोक पोरवाल का नाम जिलाध्यक्ष की दौड़ से बाहर हो गया। ऐसे में संभावना थी कि पोरवाल को आरडीए अध्यक्ष बनाया जा सकता है और हुआ भी ऐसा ही। अशोक पोरवाल का कहना है कि पार्टी ने जो फैसला किया है, वह सिर आंखों पर जवाबदारी पूरी ईमानदारी से निभाएंगे।
13 साल पुराने विकास प्राधिकरण के पोरवाल दूसरे अध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण की स्थापना दिसंबर 2010 में हुई थी। 2 सितंबर 2011 को विष्णु त्रिपाठी पहले अध्यक्ष बने थे। विधानसभा चुनाव के पहले दिसंबर 2013 में उन्होंने ने इस्तीफा दे दिया था। दस साल से अध्यक्ष का पद रिक्त था।
आरडीए अध्यक्ष के बाद नेताओं की निगाहें भाजपा जिलाध्यक्ष के पद पर है। बताया जा रहा है कि यह कुर्सी जल्द दूसरे नेता को मिल सकती है। नए जिलाध्यक्ष के लिए पिपलौदा के नेता के नाम की सर्वाधिक चर्चा है। हालांकि दौड़ में प्रदीप उपाध्याय, रतनलाल लाकड़, जयवंत कोठारी, राजेश परमार, शंकरलाल पाटीदार, बलवंत भाटी का नाम है।
जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति 2019 में हुई थी, जिनका कार्यकाल नवंबर में खत्म हो चुका है। इसलिए जिलाध्यक्ष के साथ मंडल अध्यक्ष भी बदले जा सकते हैं।