आज का विचार में आज ख़ास , जीवन में दूसरों का भला करने वालों को कष्टों का सामना करना पड़ता हैं । प्रिय पाठकों ? इस सन्सार की ये कैसी रीत है कि किसी को निस्वार्थ सहारा दो , आर्थिक मदद करो तो दूसरे इंसान तुरंत ही झुटा इल्जाम लगाने को तैयार रहतें हैं ।
परिवार के मुखिया की जबाबदारी कांटो भरी : सन्सार में देश का , समाज का , घर का मुखिया होना बड़े ही गर्व की बात तो है लेकिन बिगड़े कामों का ठीकरा उसी के सर पर फोड़ा जाता है । अनुभव हो तो बताना ।
मुखिया की जबाबदेही इस उदाहरण के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं । किसी भी देश , समाज , या घर का मुखिया बनना बहुत ही बड़ी जोखिम का काम होता है । संयुक्त परिवार में जो सदस्य परिवार को आगे बढ़ाने के प्रति वफादार होता है , समय आने पर परिवार के सदस्य सबसे ज्यादा गद्दारी उसी के साथ करते है । एक बार सोने ने लोहे से कहा हम दोंनो ही हथौड़ी से पीटते है लेकिन तुम इतना चिल्लाते क्यों हो ? तब लोहे ने जो भावुकता पुर्वक उत्तर दिया जो सवर्ण अक्षरों में लिखने योग्य है।
“जिंदगी में जब अपना ही अपने को घाव देता है तब दर्द ज्यादा होता है। मुखिया की हालत टिन के उस शेड की तरह होती हैं , जो बारिश , तूफ़ान , ओलावृष्टि सब कुछ झेलता है , लेकिन उसके नीचे रहने वाले अक्सर सोचते है कि आवाज़ बहुत करता है औऱ गर्म भी जल्दी होता है।
इसलिए जीवन में मिले हुए समय का अच्छा उपयोग कीजिए क्योंकि अगर अच्छे समय की राह देखोगें तो पूरा जीवन भी कम पड़ जायेगा । समय का महत्व समझो समय बलवान होता है तथा वह किसी के लिए भी नहीं रुकता है । अब्दुल रशीद शेख़ पत्रकार पुलिस सर्विलांस , दबंग भोपाल न्युन , दबंग केसरी व रिटायर्ड टी आई इंदौर 9827230419 जय हिंद जय भारत 🇮🇳