आज का विचार में आज ख़ास : आग, पानी, हवा (तूफ़ान ) से भी घातक व तेज़ है नफ़रत की चिनगारी

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प्रिय पाठकों ? आज तक हम सभी यह जानते है व हमने पढा भी है कि आग , पानी , हवा ( तूफ़ान ) ही खतरनाक हैं । वर्तमान युग में , में इन तीनों को झुठलाकर सबसे घातक नफ़रत के बारे में विस्तार से बताता हूं ।

अग्नि , आग :– अग्नि या आग रासायनिक दृष्टि से अग्नि जीवजनित पदार्थों के कार्बन तथा अन्य तत्वों का ऑक्सीजन से इस प्रकार संयोग है कि गर्मी व प्रकाश उत्पन्न हो । आग लगने पर प्रयास कर काबू किया जा सकता हैं ।

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पानी :–हम पानी के बिना अपने दैनिक जीवन का निर्वहन नही कर सकते है । पानी के प्रकोप भी बमुश्किल रोका जा सकता हैं ।

हवा :–वायु एक पदार्थ है इसका कोई रंग नही होता है अर्थात रंगहीन हैं । इसके आरपार देखा जा सकता हैं । अतः वायु पारदर्शक होती है । वायु अनेक भारी व हल्की गैसों का मिश्रण है । वायु पर काबू पाना मुश्किल है । वायु ( तूफ़ान ) के जाने के बाद में ही नुकसान का अंदाजा लगाया जाता हैं ।

अब इन सबके आगे है परमाणु बम नफ़रत का तूफ़ान :–
इस सन्सार में कुछ समय पूर्व से नफ़रतों की बाढ़ सी आ गई है । इंसान, इंसान का खून का प्यासा हो रहा है । इंसान अपने धर्म , जाति को लेकर , दूसरे धर्म जाति को नीचा दिखाने की भरपूर कोशिश कर रहा है । इस समय सन्सार में नफ़रत रूपी तूफ़ान ने काफ़ी तेज रफ़्तार पकड़ ली है । कुछ लोग धर्म व जाति की बातें करके अपनी राजनेतिक रोटी सेक रहे है । यदि इस नफ़रत रूपी तूफ़ान को रोका नही गया तो यह प्यारे भारतवर्ष देश के लिए घातक होगा ।

में अब्दुल रशीद शेख़ रिटायर्ड टी आई इंदौर का सबसे हाथ जोड़कर निवेदन , गुज़ारिश , प्रार्थना करता हु कि सभी आगे आये व नफ़रत रूपी पौधे को जिसने बारिश में अपनी जड़े पकड़ ली है को भारी बारिश व तूफ़ान में जड़ से उखाड़कर फेकने की हम सभी कोशिश करते हैं । हो सकता है हमें सफलता मिल जाएं ।

अब्दुल रशीद शेख़ पत्रकार पुलिस सर्विलांस , दबंग भोपाल न्यूज़ ल, दबंग केसरी व रिटायर्ड टी आई इंदौर 9827230419 जय हिंद जय भारत 🇮🇳

Ratlam Express
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