सनातन सोशल ग्रुप ने सौंपा ज्ञापन
सनातन सोशल ग्रुप रतलाम ने तमिलनाडु राज्य के मुख्यमंत्री के पुत्र उदयनिधी स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को लेकर की गई अनर्गल बयानबाजी की कड़ी निंदा की है। सनातन सोशल ग्रुप ने मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधी के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज करने की मांग को लेकर एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के नाम ज्ञापन मंगलवार को एएसपी राकेश खाका को सौंपा।
ग्रुप संयोजक मुन्नालाल शर्मा, अध्यक्ष अनिल पुरोहित में बताया विगत दिनों भारत देश के तमिलनाडु राज्य के मुख्यमंत्री के पुत्र उदयनिधी स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया, कोरोना की तरह देश से खत्म कर देना चाहिए जैसे अनर्गल बयानबाजी की है जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं। इस तरह बयान देकर सनातन धर्म का अपमान करने वाले तमिलनाडु राज्य के मुख्यमंत्री के बेटे के खिलाफ एफआईआर कर कड़ी कार्रवाई होना चाहिए। ताकि कोई अन्य भी सनातन धर्म के प्रति अनर्गल बयानबाजी न कर सके। ज्ञापन सौंपने के दौरान ग्रुप संयोजक मुन्नालाल शर्मा, अध्यक्ष अनिल पुरोहित, पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा, बजरंग पुरोहित, प्रदीप उपाध्याय, दिनेश पोरवाल, मोहनलाल मुरलीवाला, रामचंद्र धाकड़, बद्रीलाल परिहार,राजेश माहेश्वरी, नीलेश सोनी, विशाल जायसवाल, नरेंद्र बाहेती, पप्पु भंसाली, रवि पंवार, विशाल अग्रवाल, वीरेंद्र अग्रवाल, शान्तु गवली, आशीष सोनी, सुनील रौतेला आदि उपस्थित रहे।
आर्य समाज ने किया स्टालिन का निंदा प्रस्ताव
भारतीय मध्य भारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान प्रकाश आर्य द्वारा लेटर प्रेषित किया गया है। जिसमें बताया गया कि आज दिनांक 4-9-23 को स्टालिन का अपराध अक्षम्य है। तमिलनाडु के प्रधानमंत्री उदय निधि स्टालिन का सनातन धर्म के प्रति दिया गया बयान न केवल आपत्तिजनक है अभी तो देश की शांति को भंग करने वाला और अराजकता फैलाने का दुष्प्रया है।
इस प्रकार के बयानों से स्टालिन की सांप्रदायिक भावना स्पष्ट होती है। जिस विचारधारा के वे अनुयायी है। वह वर्षों से सनातन धर्म विरोधी ही रही है। धर्मनिरपेक्षता की वकालत करने वाले राजनेता आज डरपोक और केवल वोटों की राजनीति वाले सिद्ध हो रहे हैं। इस प्रकार का बयान यदि किसी हिंदू के द्वारा दिया जाता है तो उनको आरएसएस जैसे हिंदू संगठनों और बीजेपी पर सैकड़ो बयान आ जाते हैं। रैलियां, प्रदर्शन करने लग जाते राजनेताओं का इस प्रकार मौन धारण ही सांप्रदायिक विचारधाराओं को प्रोत्साहन देता है।
सनातन धर्म कोई व्यक्ति या पुस्तक नहीं है। कोई वस्तु नहीं है। जिसे कोई नष्ट कर दे। सनातन धर्म शाश्वत है। सदा रहने वाला सबके लिए और विश्व का पहला ज्ञान है जो परमात्मा का दिया हुआ है। सनातन धर्म एक समुद्र है। बाकी विचारधाराए उनकी कुछ बातों का हिस्सा है। कई आक्रांत और महजबी ताकतों ने सनातन धर्म का जब-जब विरोध किया उनका विनाश हुआ। आज उनका पता भी नहीं है। स्टालिन के इस राष्ट्रद्रोही कार्य कठोर दंडनीय है। आर्य समाज इसका विरोध करता है और इसकी निंदा करता है।
धार्मिक भावनाएं आहत हुई कड़ी कार्यवाही करें
सनातन धर्म पर विवादित बयान देने वाले तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन जो कि वहां के मुख्यमंत्री के सुपुत्र हैं । उन्होंने सनातन धर्म को लेकर जो बयान दिया है वह बहुत ही निंदनीय है , भारतवर्ष में अनादी काल से साधु संतों ने सनातन धर्म की रक्षा करते हुए सभी धर्म का सम्मान किया है । मंत्री द्वारा विधर्मियों को खुश करने , सस्ती राजनीति लोकप्रियता , अन्य धर्म के लोगों को खुश करने की लालसा में सनातन धर्म लोगों को अपमानित करने का निर्देनीय कार्य किया है ।
वर्तमान में पूरे विश्व में लगातार सनातन धर्म की ख्याति को बढ़ते देख उसे अपमानित करने का यह कार्य सनातन धर्म के अनुयायी कभी भी सहन नहीं करेगें , सनातन धर्म महासभा के अध्यक्ष अशोक सोनी , वरिष्ठ सदस्य गोविंद काकानी , विरेन्द्र वॉफगावकर , बालमुकुंद चावडा , राजुचंदा सोनी , महेन्द्र सिंह चंद्रावत , मनोज शर्मा कमल भाटी , अनिल सोनी डॉ कमल तिवारी गोपाल शर्मा , मोहनलाल धबाई , सतीश भारतीय , श्रीमती तारा बहन सोनी श्रीमती वंदना सोनी , श्रीमती अनीता कटारा , संजय सोनी भूपेंद्र सोनी , मतीश राठौर , राजू केलवा आदि सभी सदस्यों ने महामहीम राष्ट्रपति को अवगत कराते हुए जिला पुलिस अधीक्षक से मांग करी है , कि विवादित बयान देने वाले मंत्री उदयनिधि पर धार्मिक भावनाएं आहत करने वाली धाराएं लगाकर कठोर से कठोर कार्यवाही करें , जिससे कि कोई और अन्य विधर्मी सस्ती राजनीति की लोकप्रियता पाने के लिए सनातन धर्म की ओर आंख उठाकर भी नहीं देख सके।