पत्रकार पक्षकार बनकर पत्रकारिता न करे केवल निष्पक्ष और निर्भीक होकर पत्रकारिता करे : JCI

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महर्षि नारद जी को ब्रह्मांड का पहला पत्रकार माना जाता है और नारद जी कानों सुनी नहीं आंखों देखी बातों पर विश्वास करते थे। उनके समाचार का स्रोत बहुत ही विश्वसनीय रहता था और उन्हें अपनी सूचना का महत्व भी पता था सूचना कहां कब और किसको देनी है यह वेअच्छे से जानते थे। उनकी विशेषता यह थी कि वे किसी भी सूचना में अपनी ओर से कुछ नहीं जोड़ते थे केवल घटना को जैसी होती थी वैसेही प्रस्तुत करते थे। आज की पत्रकारिता में कहीं-कहीं लगता है रिपोर्टर की अपनी निजी सोच या जिन तत्वों से वह प्रभावित है उसका मिश्रण हो जाता है और यही मिश्रण मीडिया की निष्पक्ष साखके लिए घातक है।

संवाददाता का काम है केवल घटनाओं को ज्यों का त्यों प्रस्तुत करना। संवाददाता हमारी अपनी भारतीय भाषा का शब्द है संवाद का अर्थ है दूसरे व्यक्ति से बात करना। संवाददाता का अर्थ है रिपोर्टर की तुलना में कहीं ज्यादा सार्थक और व्यापक है। संवाद ही समाज का सबसे बड़ा माध्यम है। एकालाप हमारी संस्कृति का हिस्सा है। आप अपने महाकाव्य श्रीमद् भागवत गीता श्री रामचरितमानस पुरानो को यदि देख तो संवाद का महत्व आपको पता चलेगा। भगवान कृष्ण और उनके सखा अर्जुन के बीच संवाद है भगवान कृष्ण को अपने भगवान त्रिकालदर्शी होने का अभिमान नहीं है। वे चाहते तो कहते अर्जुन सुनो जो मैं कहता हूं उसे चुपचाप सुनो लेकिन भगवान अर्जुन को पूरा अवसर देते हैं उसकी हर शंका हर प्रश्न का उत्तर देते हैं। अपने विचार अर्जुन पर थोप नहीं रहे हैं। अपने उत्तरों से अश्वसत करते हैं। उसकी शंकाओं का निराकरण करते हैं। एक अच्छी न्यूज़ स्टोरी में सभी का पक्ष उसके नाम से रखा जाता है संवाददाता कहीं किसी का पक्षकार नहीं है न ही अपनी राय रखता है।

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संजय ने अपनी भूमिका महाभारत में एक अच्छे निष्पक्ष निर्भीक संवाददाता की निभायी। संजय ने इंद्रप्रस्थ में बैठकर दृष्ठिहीन महाराज धृतराष्ट्र और गांधारी को आंखों देखा हाल सुनाया। यहां आंखों देखा शब्द बहुत महत्वपूर्ण है। यानी संजय युद्ध के मैदान में जो देख रहा है उसे बराबर बता रहा है। अपनी राय संजय ने कहीं नहीं रखी संजय ने एक पल भी सत्ता और शक्ति का भय नहीं माना। यह नहीं सोचा कि यदि किसी एक जानकारी के लोकप्रिय लगने पर उसे महाराज ने दंड दिया तो क्या होगा एक बार भी धृतराष्ट्र को कुछ झूठ नहीं बताया उनको खुश करने का प्रयास भी नहीं किया। संवाददाता को निष्पक्ष खबर चलाना सही-सही बात को उजागर करना गुरुजनों के बताने के मुताबिक परम कर्तव्य है।

Ratlam Express
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