ग्रीष्मकालीन अवकाश में बच्चों को सिखाया जाएगा धर्म संस्कार और नैतिक शिक्षा का पाठ
मण्डल अध्यक्ष निविता गंगवाल ने बताया कि ,रतलाम में आज से पांच दिवसीय जैनम बाल युवा शिक्षण संस्कार शिविर की शुरुआत हुई है। बच्चों में बचपन से ही जैन धर्म के संस्कार और सिद्धांतो को सिखाने, जीवन जीने की कला और धर्म के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इस शिविर की शुरुआत की गई है। सकल दिगंबर जैन महिला मंडल कि यह अनुकरणीय पहल है। जिसमें बड़ी संख्या में समाजजन के बच्चे शामिल होने पहुंचे हैं। रतलाम में आज सुबह छोटे- छोटे बच्चे भव्य पथ संचलन निकालकर कार्यक्रम स्थल पहुंचे। जहां जैन बाल युवा शिक्षण संस्कार शिविर शुरुआत की गई।
कार्यक्रम सचिव प्रीति गोधा, कोषाध्यक्ष नेहा अग्रवाल, अर्पण जी गंगवाल , संजय जी गोधा व मनोज जी अग्रवाल के दिशा निर्देश में सम्पन्न किया गया । कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश श्रीमान संजय जी जैन व नाहर कॉन्वेंट स्कूल की प्राचार्या श्रीमती नीलिमा जी बड़जात्या ने भी बच्चो को अपने मार्गदर्शन देते हुए जीवन मे गुरु का महत्व व विद्यार्थी के जीवन के नियम के बारे में बताया। श्रीमान ओम जी राकेश जी अग्रवाल परिवार द्वारा ध्वजारोहण किया गया।, कमलेश जी पापरिवाल, आज़ाद जैन, जिनेन्द्र जैन, परिवारों द्वारा जैन धर्म के चारों अनुयोगों की स्थापना की गई। डॉक्टर निर्मल जैन द्वारा कलश स्थापना की गई।
जयदीप जी जैन शास्त्री व अभिषेक जी जैन शास्त्री के निर्देशन में सभी बच्चों को कैसे स्मार्ट क्लासेस के साथ धार्मिक ज्ञान व संस्कारों को समझाने की बात कही गई व बच्चों को बचपन से ही जैन धर्म के संस्कार को साथ लेकर व अपने लक्ष्य बनाकर उसी पर मेहनत करने की बात कही है एवं बच्चो को इन पाँच दिन में खेल व मनोरंजन के साथ जैन धर्म के मर्म को कैसे जीवन मे उतारे व जैन धर्म की ध्वजा लहराते हुए आगे बढे यह सिखाया।
कार्यक्रम में ओम जी अग्रवाल, पीयूष जी गर्ग, प्रमोद जी पाटनी, कमल जी छाबड़ा, विकास जैन, रजत बड़जात्या, अरिहंत मोठ्या, आनंद जी पाटनी , जयंतीलाल जी पानोत, जिनेन्द्र जी पाटनी, मुकेश जी मोठीया, अजय बाकिवाला, कमल पाटनी, राधा पोरवाल, उपासना जैन, साधना पाटनी, सलोनी बड़जात्या, अर्पिता पाटनी, रचना जैन, आदि समाजजन मौजूद रहे।