17 जुलाई 2023 रतलाम। सूरि सम्राट दीक्षा दानेश्वरी परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद् विजय रामचंद्र सूरिश्वर जी महाराजा की 32 वीं पुण्यतिथि के निमित्त आराधना भवन श्रीसंघ में प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी रतलाम में चातुर्मास हेतु विराजित परम पूज्य गणिवर्य कल्याण रत्न विजय जी म.सा. की निश्रा में तीन दिवसीय महोत्सव बहुत ही उत्साह, उमंग एवं धर्ममय वातावरण में संपन्न हुआ।
उपरोक्त जानकारी देते हुए आराधना भवन जैन संघ अध्यक्ष अशोक लुनिया एवं सचिव हिम्मत गेलड़ा ने बताया कि महोत्सव में अंतिम दिन प्रातः 8:00 बजे से भक्तजन आराधना भवन पोरवालों के पास पहुंचना शुरू हो गए थे। यहां से पूज्य गणिवर्य कल्याणरत्न विजय जी म. सा. की निश्रा में भव्य रथ यात्रा निकाली गई।
रथयात्रा के आगे इंद्रध्वजा चल रही थी एवं युवक ऊंट एवं अश्व पर धर्म पताका लहराते चल रहे थे। उनके पीछे आराधना भवन महिला मंडल की श्राविकाएं धार्मिक संदेश की पट्टिकाएं लेकर चल रही थी। इनके पीछे आदिवासी ढोलक मंडली एवं सुमधुर बेण्ड भक्ति गीत गाते हुए चल रहा था। पूज्य गुरुदेव के विशाल परिवार के पीछे सैकड़ों की संख्या में समाज जन जय-जय कार के नारे लगाते रहे।
पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी, पूर्व विधायक पारस सकलेचा, विभिन्न संघों एवं संगठनों के पदाधिकारी ने रथयात्रा में अपनी सहभागिता प्रदान की। परम पूज्य गच्छाधिपति रामचंद्र सुरीश्वर जी महाराजा की तस्वीर सुसज्जित बैलगाड़ी में आकर्षण का केंद्र रही। जगह-जगह भक्त जनों द्वारा प्रभु एवं गुरुदेव की गहुंली की गई एवं आशीर्वाद प्राप्त किया। रथयात्रा के अंत में अनुकम्पा दान प्रदान किया जा रहा था।
रथयात्रा आराधना भवन से घास बाजार, माणकचौक, न्यू क्लॉथ मार्केट, बजाज खाना, चांदनी चौक, चोमुखी पुल होते हुए आत्म कल्याणकारी प्रवचन उत्सव स्थल हनुमानरुंडी पर पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। सर्वप्रथम सभी ने पूज्य गुरुदेव को वंदन किया। अमृत जैन द्वारा सुंदर स्तवन की प्रस्तुति की गई। परम पूज्य आचार्य देव की तस्वीर पर गुरु पूजन का लाभ चंद्रवीर परिवार की ओर से संजय भंवरलाल भंडारी परिवार द्वारा लिया गया एवं चंद्रवीर परिवार के सदस्यों द्वारा गुरु पूजन किया गया।
आज के कार्यक्रम – रथयात्रा, स्वामी वात्सल्य, जिन मंदिरों पर प्रभु अंग रचना एवं संध्या प्रभु भक्ति के लाभार्थी चांदमल विमलाबाई लुक्कड परिवार के राजकुमार एवं धर्मेंद्र लुक्कड का बहुमान आराधना भवन के ट्रस्टीगण अशोक लुनिया, पप्पू बम्बई वाला, हिम्मत गेलड़ा, राजेश गांधी, राकेश सकलेचा, राजेंद्र लुनिया, अमृत जैन, पारस मूणत, विजय मेहता, जीवन पितलिया एवं विनोद मूणत ने शाल श्रीफल व रजत मुद्रिका एवं अभिनंदन पत्र भेंट देकर बहुमान किया गया। अभिनंदन पत्र का वाचन पप्पू मुंबई वाला ने किया। इस अवसर पर आराधना भवन सेवा समिति के जयंतीलाल कटारिया, नरेंद्र घी वाला, सुनील पारख, संजय पारख, शैलेंद्र कोठारी, हेमंत गेलड़ा, शिवलाल बंबोरी, कमल मूणत, मांगीलाल भंडारी, अमित कोठारी, अरुण धामनोद वाला, रखब हरनिया व सुजान रांका ने भी लाभार्थी चांदमल विमलाबाई लुक्कड परिवार का शाल श्रीफल व अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया गया। अभिनंदन पत्र का वाचन संजय पारख द्वारा किया गया। इस अवसर पर लाभार्थी लुक्कड परिवार द्वारा आराधना भवन जैन श्रीसंघ अध्यक्ष अशोक लुनिया का बहुमान किया गया।
परम पूज्य गुरुदेव कल्याणरत्न विजय जी म. सा. ने गुणानुवाद करते हुए फरमाया कि रामचंद्र सुरीश्वर जी महाराजा पूरी तरह से शासन की सेवा में समर्पित थे व उनकी दीर्घदृष्टि का लोहा महात्मा गांधी एवं सरदार वल्लभभाई पटेल भी मानते थे। उनके विचारों एवं सिद्धांतों की कोई भी काट किसी के पास नहीं थी। उनके जीवन काल में उनके ऊपर अनेकों संकट आए एवं पैदा किए गए ,लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। पूरी तरह से अपने सिद्धांतों पर अडिग रहें एवं अंत में सत्य की हमेशा जीत होती रही । इस तीन दिवसीय महोत्सव को सफल बनाने में आराधना भवन ट्रस्ट, आराधना भवन सेवा समिति, चंद्रवीर परिवार एवं आराधना भवन के सभी महिला मंडल के प्रति आभार व्यक्त किया गया। दोपहर को सुबुध्दि महिला मंडल द्वारा आराधना भवन में पूजन पढ़ाई गई एवं संध्या को गुजराती जैन मंदिर पर भव्य सजावट के साथ संध्याप्रभु भक्ति का अनेक लोगों ने धर्म लाभ प्राप्त किया। कार्यक्रम का संचालन सचिव हिम्मत गेलड़ा द्वारा किया गया।