प्रिय पाठकों ? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फ़टे कपड़े पहनने से हमारी शारिरिक क्षमता एवं ऊर्जा को नष्ट करते है । तन व मन को शिथिल बनाकर अनेक बीमारियों को जन्म देने वाले बना देते है । भारतीय संस्कृति के अनुसार यदि कपड़े फटे हो तो उसे सिलकर पहना जा सकता हैं लेकिन फटे कपड़े बिल्कुल भी नही पहनना चाहिए । फटे कपड़ो का सीधा शुक्र से सम्बन्ध है । फटे कपङे पहनने से शुक्र कमजोर हो जाता हैं । जिससे जीवन मे दरिद्रता व आर्थिक मुश्किलें बढ़ जाती है । इसके साथ ही वैवाहिक जीवन औऱ जिंदगी में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं । फ़टे कपड़े पहनने से आजकल के युवक बिल्कुल परहेज़ नही करते । अब तो नवयुवतियों में भी यह चलन दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है । अब यह फैशन नही शौक बन गया है ।
कटे फ़टे कपड़े पहनने की शुरुआत : सन 1970 के पहले की हम बात करें तो कटे फ़टे कपड़े ग़रीब घर के लोग उसे सीकर पहनते थे तब अमीर लोग मज़ाक उड़ाते है । लेकिन आजकल के युवक व युवतियां सिले कपड़ों को फाड़कर पहनते है , जिनका ग़रीब मज़ाक उड़ा रहे है ।
भारतीय संस्कृति पर भारी आघात : कटे फ़टे कपड़े पहनने वाले भारतीय संस्कृति को पाश्चात्य संस्कृति की औऱ धकेल रहे है । कही ऐसा न हो कि एक दिन भारतीय संस्कृति पर पाश्चात्य संस्कृति कब्जा कर लेवे । अब तो ऐसा लगता है , जैसे अमीर गरीबों का मज़ाक उड़ा रहें है ।
भारतवर्ष में शरीर पर टैटू गुदवाना भी फैशन : शरीर पर टैटू गुदवाना ये भी एक फैशन नही शौक है । यह अभी तक तो विदेशों में ही चल रहा है , लेकिन भारतवर्ष में भी यह धीरे धीरे अपने पैर पसार रहा है । इसकी शुरुआत फ़िल्म इंडस्ट्रीज से हुई थी ।
अब इसे फ़ैशन कहे या शौक पक्षियों के घोंसले जैसे बाल :
आजकल के नवयुवक धोती कुर्ता , कमीज़ पायजामा पहनना भूल चुके है । अब तो नवयुवक अपने सिर की हेयर स्टाइल इस तरह रख रहे है जैसे उन्होंने कोई पक्षी पाल रखे हो जो उनके सिर पर बने घोसले में सांयकाल आकर आराम करेंगे व अंडा देगे ।
” अब भारतवर्ष मैं वो दिन दूर नही जब पूरी पाश्चात्य संस्कृति , भारतीय संस्कृति पर हावी हो जाएंगी , जिसके लिए हम सब जिम्मेदार होगें , औऱ जल्द ही एक नई फैशन का हम सबको बेसबरी से इंतज़ार “। हर भारतवासी को अपनी जिम्मेदारिया निभाते हुए अपने परिवार में बच्चों को समझाना चाहिए।