विगत 5 दिनों में धार्मिक शिक्षण के साथ धर्म संस्कार को ग्रहण करते हुए नित्य, देव दर्शन, पूजन ,दान, माता-पिता व बड़ों का आदर करना, सप्त व्यसन का त्याग, कंदमूल का त्याग आदि कई नियम को ग्रहण करते हुए जीवन जीने की कला ,आत्मरक्षा, जीव दया ,कला, नाट्य ,गायन, धर्मानुसार सुरक्षा कवच, दान परंपरा ,अन्य जीवो की रक्षा करना ,जुंबा ,कराटे आदि के साथ बच्चों को खेल-खेल में धार्मिक पाठ याद करवाए गए।
सकल दिगंबर जैन महिला मंडल की अध्यक्ष निविता गंगवाल ने बताया कि रोज की तरह सर्वप्रथम बच्चों को देव वंदना करवाई गई जिसके पश्चात जयदीप शास्त्री द्वारा बच्चों को पूजन के आठ द्रव्य, जल ,चंदन, अक्षत, पुष्प, नैवेद्य ,दीप, धूप ,फल आदि का पाठ समझाया गया वह बताया कि पूजन के दो भेद हैं भाव पूजन व द्रव्य पूजन, अभिषेक भैया द्वारा 5 दिन की संपूर्ण पाठ को याद करवाया गया
तत्पश्चात सुशीला संजय गोधा द्वारा बच्चों को स्वल्पाहार करवाया गया जिसके बाद सचिव प्रीति गोधा व कोषाध्यक्ष नेहा अग्रवाल द्वारा बच्चों की आर्ट क्लास लगवाई गई जिसमें बच्चों की प्रतिभा निखारने के लक्ष्य से व हर घर में शिविर की स्मृति बनी रहे इस उद्देश्य से “जय जिनेंद्र ” की आकृति भेंट दी गई जिसमें बच्चों ने अपनी कलाकृति से खूब निखारा, शाम को बच्चों को श्रमण संस्कृति सांगानेर जयपुर के प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के साथ भूपेंद्र अविरल मुखिया द्वारा पुरस्कार वितरण करवाया गया ,बच्चों ने सम्पूर्ण कार्यक्रम को खूब सराहा व पुनः ऐसे आयोजन होते रहे ऐसी इच्छा प्रकट की।
कार्यक्रम में ओम जी अग्रवाल ,अर्पण गंगवाल, संजय गोधा, मनोज अग्रवाल, पियूष गर्ग ,कीर्ति बड़जात्या, भरत पाटनी ,जयंत जैन, आनंद पाटनी, सरोज चत्तर, रचना जैन, उपासना जैन, भावना गोधा, जयश्री कोठारी, साधना पाटनी,सलोनी बड़जात्या,अर्पिता पाटनी, राधा पोरवाल, स्वीटी सेठ, टिना गांधी, जयता मोठिया, आदि समाजजन मौजूद रहे।