श्रीमद् राजेंद्र सुरेश्वर जी महाराज साहब की 197 जन्मदिवस तिथि एवं 117 स्वर्गरोहण तिथि दिनांक 17 जनवरी बुधवार को नगर में धूमधाम के साथ मनाई जाएगी।
इस अवसर पर लोक संत पुण्य सम्राट श्रीमद् विजय जयंत सेन सुरीश्वर जी म.सा. के पटधर गच्छाधिपति धर्म दिवाकर श्रीमद् नित्य सेन सुरीश्वर जी म.सा. एवं वर्तमान आचार्य श्रीमद जय रन सुरीश्वर जी महाराज साहब की पावन प्रेरणा से दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत गौ सेवा, धार्मिक, एवं पूजन, पाठ, के आयोजन अखिल भारतीय श्री राजेंद्र जैन नवयुवक परिषद, महिला, तरुण, बहू , एवं बालिका परिषद, द्वारा किए जाएंगे।
उक्त जानकारी देते हुए नवयुवक परिषद के अध्यक्ष एवं पार्षद धर्मेंद्र रांका एवं सचिव कमलेश भंडारी ने बतलाया कि 2 दिवसीय आयोजन को लेकर एक बैठक परिषद परिवार की आयोजित की गई जिसमें निर्णय लिया गया कि गुरु सप्तमी महोत्सव दो दिवसीय आयोजन किए जाएंगे जिसके तहत प्रथम दिवस त्रिवेणी गौशाला में गौ सेवा प्रातः 8:00 बजे एवं 10:00 बजे नीमवाला उपाश्रय में सामूहिक सामाइक एवं गुरुदेव के मंत्र जाप का आयोजन किया जाएगा।
द्वितीय दिवस यानी की 17 जनवरी गुरु सप्तमी पर प्रातः 9 बजे नीमवाला उपाश्रय में श्री राजेंद्रसूरी अष्टप्रकारी पूजन होगा, इसके पश्चात भव्य चल समारोह, (वरगोड़ा) नगर के प्रमुख मार्गो से होकर लक्कड़ पीठा में समापन होगा इसके बाद सभी समाजजन जयंत सेन धाम जाएंगे जहां पर गुरुदेव की आरती कर स्वामी वात्सल्य किया जाएगा, एवं रात्रि में 108 दीपक से गुरुदेव श्री की आरती नीम वाला उपाश्रय में उतारी जाएगी।
रांका ने बतलाया पूज्य गुरुदेव कि समाधि स्थल मोहनखेड़ा पर यह गुरु सप्तमी पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, गुरुदेव का रतलाम से भी बहुत गहरा संबंध रहा है गुरुदेव द्वारा पांच चातुर्मास रतलाम नीम वाला उपाश्रय पर कर समाज जन को धर्म लाभ दिया है साथ ही श्री अभिधान राजेंद्रकोष का अधिकतर लेखन भी गुरुदेव द्वारा रतलाम मैं किया गया था, और यहीं पर उसको छपाया भी गया था, गुरुदेव का जन्म 196 वर्ष पूर्व राजस्थान के भरतपुर में हुआ था,