हमारी कानून व्यवस्था को ले कर आम जनता में सकारात्मक और नकारात्मक दोनो तरह की सोच विद्यमान है । अपने अपने अनुभव के आधार पर जनता पुलिस व प्रशासन के लिए धारणा बना लेती है।
अगर पुलिस व प्रशासन अपराधी से सख्ती से पेश आती है , तो ये अपराध को रोकने के लिए आवश्यक भी है । पुलिस की सख्ती और सख्त कार्यवाही अति आवश्यक है तभी समाज में ,आम जनता में अपराध करने के पहले लोग डरेंगे और अपराध में कमी आएगी । इस तरह पुलिस प्रशासन की सख्ती और उनका कठोर होना समाज के हित के लिए अति आवश्यक है ।
जनता की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन दिन रात अपराधियों पर नजर रखती है , उनसे हमारी रक्षा करती है । पुलिस के प्रति समाज को अपना नजरिया बदलने की जरूरत है क्योंकि समाज में रह कर सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए दिन रात ड्यूटी करते पुलिस कर्मी भी इंसान है। वो केवल पुलिस का फर्ज ही नही अपितु इंसान होने का फर्ज और कर्तव्य भी निष्ठा से निभाते हैं । इसका उदाहरण कोरोना महामारी के समय ही आप सबने देखा है की हमारी पुलिस व प्रशासन अपने परिवार की जिम्मेदारी को किनारे रख के सर्वप्रथम समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रही थी , इतनी भीषण महामारी में लोगो को बीमारियों से बचाने को उनको राहत सामग्री पहुंचाने को, उनकी रक्षा करने को खुद अपनी परवाह किए बिना लोगो की सुरक्षा के लिए बाहर ड्यूटी कर रही थी । उनके इस त्याग को और उनको समझने के सबसे ज्यादा जरूरत समाज को है।
एक आम नागरिक भी काम से वापस आने पर बढ़िया खाना और आराम ढूंढता है पर जब बात पुलिस की आती है तो इनको ये भी नसीब न के बराबर होती है । बारह घंटे से भी ज्यादा मानसिक और शारीरिक श्रम करने के बाद भी इनको सुकून और चैन न मिल सके तो इन पुलिस वालो पर क्या गुजरती होगी इसका अंदाजा लगाने की आप सोच भी नही सकते ।
पुलिस हमारी मित्र है ,जरूरत है तो उन्हें समझने की , उन पर विश्वास करने की , उनको और उनके कष्ट को समझकर उनसे अच्छा व्यवहार करने की उन्हे सम्मान देने की। पूजा जायसवाल की कलम से 🖊️